KPC GROUPS

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CHILD LABOUR AND HELPLESS PARENTS

Monday, June 3, 2013


child labour

























































































MOTHER

एक समय की बात है , एक बच्चे का जन्म होने वाला था. जन्म से कुछ क्षण पहले उसने भगवान् से पूछा : ” मैं इतना छोटा हूँ, खुद से कुछ कर भी नहीं पाता , भला धरती पर मैं कैसे रहूँगा , कृपया मुझे अपने पास ही रहने दीजिये , मैं कहीं नहीं जाना चाहता.”
भगवान् बोले, ” मेरे पास बहुत से फ़रिश्ते हैं , उन्ही में से एक मैंने तुम्हारे लिए चुन लिया है, वो तुम्हारा ख़याल रखेगा. “
“पर आप मुझे बताइए , यहाँ स्वर्ग में मैं कुछ नहीं करता बस गाता और मुस्कुराता हूँ , मेरे लिए खुश रहने के लिए इतना ही बहुत है.”
” तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हारे लिए गायेगा और हर रोज़ तुम्हारे लिए मुस्कुराएगा भी . और तुम उसका प्रेम महसूस करोगे और खुश रहोगे.”
” और जब वहां लोग मुझसे बात करेंगे तो मैं समझूंगा कैसे , मुझे तो उनकी भाषा नहीं आती ?”
” तुम्हारा फ़रिश्ता तुमसे सबसे मधुर और प्यारे शब्दों में बात करेगा, ऐसे शब्द जो तुमने यहाँ भी नहीं सुने होंगे, और बड़े धैर्य और सावधानी के साथ तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हे बोलना भी सीखाएगा .”
” और जब मुझे आपसे बात करनी हो तो मैं क्या करूँगा?”
” तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हे हाथ जोड़ कर प्रार्थना करना सीखाएगा, और इस तरह तुम मुझसे बात कर सकोगे.”
“मैंने सुना है कि धरती पर बुरे लोग भी होते हैं . उनसे मुझे कौन बचाएगा ?”
” तुम्हारा फ़रिश्ता तुम्हे बचाएगा , भले ही उसकी अपनी जान पर खतरा क्यों ना आ जाये.”
“लेकिन मैं हमेशा दुखी रहूँगा क्योंकि मैं आपको नहीं देख पाऊंगा.”
” तुम इसकी चिंता मत करो ; तुम्हारा फ़रिश्ता हमेशा तुमसे मेरे बारे में बात करेगा और तुम वापस मेरे पास कैसे आ सकते हो बतायेगा.”
उस वक़्त स्वर्ग में असीम शांति थी , पर पृथ्वी से किसी के कराहने की आवाज़ आ रही थी….बच्चा समझ गया कि अब उसे जाना है , और उसने रोते-रोते भगवान् से पूछा ,” हे ईश्वर, अब तो मैं जाने वाला हूँ , कृपया मुझे उस फ़रिश्ते का नाम बता दीजिये ?’
भगवान् बोले, ” फ़रिश्ते के नाम का कोई महत्त्व नहीं है , बस इतना जानो कि तुम उसे “माँ” कह कर पुकारोगे .”

MAA

* भगवान्  सभी  जगह  नहीं  हो  सकते  इसलिए उसने माएं बनायीं .

*एक  पिता  अपने  बच्चों  के  लिए  जो  सबसे  प्रमुख  चीज  कर  सकता  है  वो  उनकी  माँ  से  प्रेम  करना .
*मैं  जो  कुछ  भी  हूँ  या  होने  की  आशा  रखता  हूँ  उसका  श्रेय  मेरी  माँ  को  जाता  है .
* मातृत्व : सारा  प्रेम  वहीँ  से  आरम्भ  और  अंत  होता  है .
* मुझे  एक  ऐसी  माँ  के  साथ  बड़े  होने  का  मौका  मिला  जिसने  मुझे  खुद  में  यकीन  करना  सिखाया .
* कला  की  दुनिया  में  ऐसा  कुछ  भी  नहीं  है  जैसा  की  उन लोरियों में  होता  था  जो  माएं  गाती  थीं .
* यकीनन  मेरी माँ  मेरी  चट्टान है .
 

HELPLESS

“Helplessness is such a rotten feeling. There's nothing you can do about it. Being helpless is like being paralyzed. It's sickness. The cure calls for a monumental effort to stand up and start walking somewhere, anywhere. But that takes some doing.”